
उदयपुर जिले के टीडी थाना क्षेत्र में रविवार रात उस वक्त सनसनी फैल गई, जब 17 वर्षीय किशोर आशीष मीणा का शव घर के पीछे निर्माणाधीन मकान में फंदे से लटका मिला। रात के सन्नाटे में हुई इस घटना का पता तब चला जब सुबह मां और छोटे भाई ने टॉर्च की रोशनी में शव देखा। परिवार के लोगों ने तत्काल सरपंच और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण कर शव को एमबी अस्पताल भिजवाया, जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया गया। परिजनों का कहना है कि आशीष को साल 2024 में एक चोरी के मामले में आरोपी बनाया गया था। उस समय वह नाबालिग था, फिर भी उसे छह महीने जेल में रहना पड़ा। जमानत पर छूटने के बाद भी पुलिस अक्सर उसे संदिग्ध मानकर पूछताछ के लिए उठा ले जाती थी। परिवार का आरोप है कि इस निरंतर प्रताड़ना ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया। पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन उसकी मौत के जिम्मेदार वे लोग हैं जिन्होंने उसे बार-बार डराया और अपमानित किया।” गांव में घटना के बाद लोगों में आक्रोश है और ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जांच के नाम पर हो रही कथित प्रताड़ना किसी निर्दोष की जान लेने तक पहुंच सकती है।